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"साईं अपने भ्रात को / गिरिधर" के अवतरणों में अंतर

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कह गिरिधर कविराइ, राम सों मिलियो जाई
 
कह गिरिधर कविराइ, राम सों मिलियो जाई
पाय विभीशण राज, लंकपति बाजयो साईं
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पाय विभीषण राज, लंकपति बाजयो साईं
 
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19:20, 10 सितम्बर 2014 के समय का अवतरण

साईं अपने भ्रात को, कबहुं न दीजै त्रास
पलक दूर नहिं कीजिये, सदा राखिये पास

सदा राखिये पास, त्रास कबहूं नहिं दीजै
त्रास दियो लंकेश, ताहि की गति सुन लीजै

कह गिरिधर कविराइ, राम सों मिलियो जाई
पाय विभीषण राज, लंकपति बाजयो साईं