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"शब्द जल जाएँगे हवाओं से / जगदीश पंकज" के अवतरणों में अंतर

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शब्द जल जाएँगे हवाओं से
 
शब्द जल जाएँगे हवाओं से

23:55, 14 सितम्बर 2014 के समय का अवतरण

शब्द जल जाएँगे हवाओं से
आप गुज़रेंगे बस तनावों से

मैं फ़कत आईना दिखाता हूँ
ख़ुद को ख़ुद पूछिए अदाओं से

आपकी चीख़ शोर में गुम है
लोग चिपके हैं अपने घावों से

यह महज इत्तिफ़ाक ही होगा
खड़े होगे जो अपने पावों से

खंजरों से तो बच भी जाओगे
बचना मुश्किल है इन अदाओं से

आग बाहर हो या कि भीतर हो
हम सभी घिर गए शुआओं से