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"झूठ माहात्म्य / काका हाथरसी" के अवतरणों में अंतर
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(नया पृष्ठ: झूठ बराबर तप नहीं, साँच बराबर पाप जाके हिरदे साँच है, बैठा-बैठा टा…) |
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झूठ बराबर तप नहीं, साँच बराबर पाप | झूठ बराबर तप नहीं, साँच बराबर पाप | ||
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जाके हिरदे साँच है, बैठा-बैठा टाप | जाके हिरदे साँच है, बैठा-बैठा टाप | ||
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बैठा-बैठा टाप, देख लो लाला झूठा | बैठा-बैठा टाप, देख लो लाला झूठा | ||
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'सत्यमेव जयते' को दिखला रहा अँगूठा | 'सत्यमेव जयते' को दिखला रहा अँगूठा | ||
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कहँ ‘काका ' कवि, इसके सिवा उपाय न दूजा | कहँ ‘काका ' कवि, इसके सिवा उपाय न दूजा | ||
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जैसा पाओ पात्र, करो वैसी ही पूजा | जैसा पाओ पात्र, करो वैसी ही पूजा | ||
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11:40, 18 सितम्बर 2014 के समय का अवतरण
झूठ बराबर तप नहीं, साँच बराबर पाप
जाके हिरदे साँच है, बैठा-बैठा टाप
बैठा-बैठा टाप, देख लो लाला झूठा
'सत्यमेव जयते' को दिखला रहा अँगूठा
कहँ ‘काका ' कवि, इसके सिवा उपाय न दूजा
जैसा पाओ पात्र, करो वैसी ही पूजा