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"सफल नेता / काका हाथरसी" के अवतरणों में अंतर
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+ | सफल राजनीतिज्ञ वह जो जन गण में व्याप्त । | ||
जिस पद को वह पकड़ ले कभी न होय समाप्त ॥ | जिस पद को वह पकड़ ले कभी न होय समाप्त ॥ | ||
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पैसा से पद मिले, मिले फिर पद से पैसा ॥ | पैसा से पद मिले, मिले फिर पद से पैसा ॥ | ||
− | + | कह काका, यह क्रम न कभी जीवन-भर टूटे । | |
− | कह काका, यह क्रम न कभी जीवन-भर टूटे | + | नेता वही सफल और सब नेता झूठे॥ |
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− | नेता वही सफल और सब नेता | + |
11:54, 18 सितम्बर 2014 के समय का अवतरण
सफल राजनीतिज्ञ वह जो जन गण में व्याप्त ।
जिस पद को वह पकड़ ले कभी न होय समाप्त ॥
कभी न होय समाप्त, घुमाए पहिया ऐसा ।
पैसा से पद मिले, मिले फिर पद से पैसा ॥
कह काका, यह क्रम न कभी जीवन-भर टूटे ।
नेता वही सफल और सब नेता झूठे॥