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"मेरे रक्त के आईने में / कुमार मुकुल" के अवतरणों में अंतर
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खुद को सँवार रही है वह | खुद को सँवार रही है वह | ||
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यह सुहाग है उसका | यह सुहाग है उसका | ||
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इसे अचल होना चाहिए | इसे अचल होना चाहिए | ||
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जब कोई चंचल किरण | जब कोई चंचल किरण | ||
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कँपाती है आईना | कँपाती है आईना | ||
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उसका वजूद हिलने लगता है | उसका वजूद हिलने लगता है | ||
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जिसे थामने की कोशिश में | जिसे थामने की कोशिश में | ||
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07:01, 30 सितम्बर 2014 के समय का अवतरण
मेरे रक्त के आईने में
खुद को सँवार रही है वह
यह सुहाग है उसका
इसे अचल होना चाहिए
जब कोई चंचल किरण
कँपाती है आईना
उसका वजूद हिलने लगता है
जिसे थामने की कोशिश में
वह घंघोल डालती है आईना
हिलता वजूद भी फिर
गायब होने लगता है जैसे।