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"चम्मचों से नहीं / केदारनाथ अग्रवाल" के अवतरणों में अंतर
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03:50, 5 जनवरी 2008 के समय का अवतरण
चम्मचों से नहीं
आकंठ डूब कर पिया जाता है
दुख को दुख की नदी में
और तब जिया जाता है
आदमी की तरह आदमी के साथ
आदमी के लिए
(रचनाकाल : 15.07.1965)