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"पावस रितु बृन्दावनकी / बिहारी" के अवतरणों में अंतर

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पावस रितु बृन्दावनकी दुति दिन-दिन दूनी दरसै है।
 
पावस रितु बृन्दावनकी दुति दिन-दिन दूनी दरसै है।
 
छबि सरसै है लूमझूम यो सावन घन घन बरसै है॥१॥
 
छबि सरसै है लूमझूम यो सावन घन घन बरसै है॥१॥
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(रसिक) बिहारीजी रो भीज्यो पीतांबर प्यारीजी री चूनर सारी है।
 
(रसिक) बिहारीजी रो भीज्यो पीतांबर प्यारीजी री चूनर सारी है।
 
सुखकारी है, कुंजाँ झूल रह्या पिय प्यारी है॥४॥
 
सुखकारी है, कुंजाँ झूल रह्या पिय प्यारी है॥४॥
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14:08, 29 दिसम्बर 2014 के समय का अवतरण

पावस रितु बृन्दावनकी दुति दिन-दिन दूनी दरसै है।
छबि सरसै है लूमझूम यो सावन घन घन बरसै है॥१॥
हरिया तरवर सरवर भरिया जमुना नीर कलोलै है।
मन मोलै है, बागोंमें मोर सुहावणो बोलै है॥२॥
आभा माहीं बिजली चमकै जलधर गहरो गाजै है।
रितु राजै है, स्यामकी सुंदर मुरली बाजै है॥३॥
(रसिक) बिहारीजी रो भीज्यो पीतांबर प्यारीजी री चूनर सारी है।
सुखकारी है, कुंजाँ झूल रह्या पिय प्यारी है॥४॥