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"हमारो दिल तुमसे नाराज महाराज / बुन्देली" के अवतरणों में अंतर

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13:25, 28 जनवरी 2015 के समय का अवतरण

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

हमारो दिल तुमसे नाराज महाराज।
ठांड़े बाग में कलियां तुड़ावें,
हमें क्या मालिन बनाई महाराज। हमारो...
ठांड़े कुंअला में झाड़ी भरावें,
हमें क्या कहारिन बनाई महाराज। हमारो...
ठांड़े ताल पे कपड़ा धुलावे,
हमें क्या धोबिन बनायी महाराज। हमारो...
ठांड़े रसोई में खाना बनवायें,
हमें महराजिन बनाई महराज। हमारो...