"समय बताई / विनय राय ‘बबुरंग’" के अवतरणों में अंतर
Sharda suman (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विनय राय ‘बबुरंग’ |अनुवादक= |संग्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
10:11, 2 फ़रवरी 2015 के समय का अवतरण
जिनिगी में का हमके मीलल हवा बहल चउवाई रे।
सांच कहीं त इहे मीलल जइसन रहल कमाई रे।।
ई रंग-बिरंगी हउवे दुनियां जइसन बुद्धि ओइसन कुइयां
मतलब बा त भाई बनावे अइसन पाठ पढ़ावे गुइयां
नाहीं सही किनारा मीलल केहर बलम हम जाईं रे
सांच कहीं त इहे मीलल जइसन रहल कमाई रे।।
के आपन ह के ह पराया भइया एके समय बताई
अइसन रोग समाइल मन में सवारथ क बा कवन दवाई
इहे मीलल संस्कार बा अब का कहल जाई रे
सांच कहीं त इहे मीलल जइसन रहल कमाई रे।।
के अइसन बा दूध क धोवल तनिकी हमें बताई जी
जेहरे देखलीं ओहरे पवलीं सभ में दोस समाई जी
सगरो हमें बुराई मिलल अब सहल ना जाई रे
सांच कहीं त इहे मीलल जइसन रहल कमाई रे।।
इहे हाल रही त कइसे राम-राज क दिन आई
जबले बुझी ना नफरत दिल से रामराज कबहूं ना आई
अइन आगि हवा में मिलल मढ़ई-महल जराई रे
सांच कहीं त इहे मीलल जइसन रहल कमाई रे।।