<div class='box' style="background-color:#DD5511eee;width:100%; alignpadding:center10px"><div class='boxtop'><div></div></div><div class='boxheader' style='background-color:#DD5511; color:#ffffff'>''' सप्ताह की कविता'''</div><div id="kkHomePageSearchBoxDiv" class='boxcontent' style='background-color:#F5CCBBtransparent;borderwidth:1px solid #DD551195%;'><!----BOX CONTENT STARTS------> '''शीर्षकheight: '''औरत लोग<br> 450px; '''रचनाकार:''' [[येव्गेनी येव्तुशेंको]] <pre style="overflow:auto;heightborder:21em0px inset #aaa;padding:10px">मेरे जीवन में आईं हैं औरतें कितनीगिना नहीं कभी मैंनेपर हैं वे एक ढेर जितनी
अपने लगावों का मैंने<div style="font-size:120%; color:#a00000; text-align: center;">कभी कोई हिसाब नहीं रक्खापर चिड़ी से लेकर हुक्म तक की बेगमों को परखाखेलती रहीं वे खुलकर मुझसे उत्तेजना के साथऔर भला क्या रखा थदुनिया के इस सबसे अविश्वसनीयबादशाह खुले तुम्हारे लिए हृदय के पासद्वार</div>
समरकन्द में बोला मुझ से एक उज़्बेक<div style="text-"औरत लोग होती हैं आदमी नेकalign: center;">औरत लोगो के बारे में मैंने अब तक जो लिखी कविताएँरचनाकार: [[त्रिलोचन]]एक संग्रह पूरा हो गया और वे सबको भाएँ</div>
मैंने अब तक जो लिखा है और लिखा है जैसा<div style="background: #fff; border: 1px solid #ccc; box-shadow: 0 0 10px #ccc inset; font-size: 16px; margin: 0 auto; padding: 0 20px; white-space: pre;">औरत लोगों ने माँ और पत्नी बनखुले तुम्हारे लिए हृदय के द्वारलिख डाला सब वैसाअपरिचित पास आओ
पुरुष हो सकता है अच्छा पिता सिर्फ़ तबआँखों में सशंक जिज्ञासामाँ जैसा कुछ होता मिक्ति कहाँ, है उसके भीतर जबअभी कुहासाऔरत लोग कोमल मन की जहाँ खड़े हैं दया है उनकी आदतमुझे बचा लेंगी वे उस सज़ा से, जो देगी मुझेपाँव जड़े हैंपुरुषों स्तम्भ शेष भय की दुष्ट अदालतपरिभाषाहिलो-मिलो फिर एक डाल केखिलो फूल-से, मत अलगाओ
मेरी गुरनियाँ, मेरी टीचर, औरत लोग हैं मेरी ईश्वरपृथ्वी लगा रही है देखो, उनकी जूतियों के चक्करमैं जो कवि बना हूँ आज, कवियों का यह पूरा समाजसब उन्हीं सबमें अपनेपन की कृपा हैमायाऔरत लोगों ने जो कहा, कुछ भी नहीं वृथा है सुन्दर, कोमलांगी लेखिकाएँ जब गुजरें पास से मेरेमेरे प्राण खींच लेते हैं उनकी स्कर्टों के घेरे मूल रूसी भाषा से अनुवाद : अनिल जनविजयअपने पन में जीवन आया </prediv><!----BOX CONTENT ENDS------></div><div class='boxbottom'><div></div></div></div>