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बघेली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

बना सोक्इं अंटारी जगावा सखी
उनके मौरी मां लागी है अनार की कली कचनार की कली
अनार की कली
कचनार की कली
बेला फूल की कली
बना सोवइ अंटारी जगावा सखी
उनके कलंगी मां बनी है अनार पुतरी
अनार पुतरी
कचनार पुतरी
बेला फूल पुतरी
बना सोवइं अंटारी जगावा सखी
उनके कंगन का लगी है अनार की कली
अनार की कली
कचनार की कली
बेला फूल की कली
बना सोबइं अंटारी जगावा सखी
उनके जामा मा लगी है अनार की कली
अनार की कली
कचनार की कली
बेला फूल की कली
बना सोवइं अंटारी जगावा सखी