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"लुगड़ा-धोती को दियो रे इनाम / पँवारी" के अवतरणों में अंतर
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11:26, 20 मार्च 2015 के समय का अवतरण
पँवारी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
लुगड़ा-धोती को दियो रे इनाम
हरि जो सखि नऽ काकन बाँध्या
पूछय सखि कोखऽ दियो इनाम
हरि जो सखि नऽ काकन बाँध्या।।