भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"ससुर घर नीका लागै हो / बघेली" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=बघेली |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह= }} {{KKCatBag...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
18:34, 20 मार्च 2015 के समय का अवतरण
बघेली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
ससुर घर नीका लागै हो
अरे नीका लागै महराज हो
ससुर घर
नीका लागै हो कि
मोरे मइके के कलश देखायं हो
ससुर घर
जनकपुर नीका लागै हो
अरे नीका लागइ महराज हो
जनकपुर
जनकपुर नीका लागै हो
जहां सीता सहित भगवान हो
जनकपुर