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बघेली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
अरे उअत जोन्हैया बुड़त शुकवा तुम्हें बउली बोलायउं
तुम्हें बउली बोलायउं न आयो मितवा- तुम्हें बउली बोलायउं