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"अरे आवइंकहिन ते सावन मा / बघेली" के अवतरणों में अंतर

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बघेली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

अरे आवइं कहिन तै सावन मा ढुरि लागइ कजरवा हो
ढुरि लागइ कजरवा गालन मा ढुरि लागइ कजरवा