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बघेली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
कमल नैन जब से गये तब से चित नहि चैन
व्याकुल जल बिन मीन है पल लागे नहि चैन
खबर न पायों श्याम की रहे मधुपुरी छाय
प्रीतम बिछुड़े प्रेम के कीजै कउन उपाय
उयं कुन्जैइ उंइं दु्रमलता उंइ पलास के पात
जा दिन ते बिछुड़े जदुनन्दन कोउ नहि आवत जात