भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"एक सवाल / श्रीनाथ सिंह" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=श्रीनाथ सिंह |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KK...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
Sharda suman (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 7: | पंक्ति 7: | ||
{{KKCatBaalKavita}} | {{KKCatBaalKavita}} | ||
<poem> | <poem> | ||
− | आओ पूँछे एक सवाल | + | आओ पूँछे एक सवाल |
मेरे सिर में कितने बाल? | मेरे सिर में कितने बाल? | ||
आसमान में कितने तारे? | आसमान में कितने तारे? | ||
पंक्ति 21: | पंक्ति 21: | ||
फूल कहाँ से पाते रँग? | फूल कहाँ से पाते रँग? | ||
चौबे जी क्यों खाते भंग? | चौबे जी क्यों खाते भंग? | ||
− | बोलो कुछ तो भाई बोलो | + | बोलो कुछ तो भाई बोलो |
सोच समझ के मुँह खोलो। | सोच समझ के मुँह खोलो। | ||
− | + | ||
</poem> | </poem> |
22:02, 26 मार्च 2015 का अवतरण
आओ पूँछे एक सवाल
मेरे सिर में कितने बाल?
आसमान में कितने तारे?
क्यों समुद्र होते हैं खारे?
क्यों होता है कौवा काला?
मकड़ी कैसे बुनती जाला?
शहद कहाँ से मक्खी लाती?
पेड़ों पर क्यों कोयल गाती?
चमक कहाँ से तारे पाते?
बादल कैसे जल बरसाते?
बच्चे क्यों करते शैतानी?
बहुत उन्हें क्यों भाती नानी?
फूल कहाँ से पाते रँग?
चौबे जी क्यों खाते भंग?
बोलो कुछ तो भाई बोलो
सोच समझ के मुँह खोलो।