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एक सवाल / श्रीनाथ सिंह

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<poem>
आओ पूँछे एक सवाल |
मेरे सिर में कितने बाल?
आसमान में कितने तारे?
फूल कहाँ से पाते रँग?
चौबे जी क्यों खाते भंग?
बोलो कुछ तो भाई बोलो |
सोच समझ के मुँह खोलो।
</poem>
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