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"सुन्दर सेत सरद को चन्दा / ईसुरी" के अवतरणों में अंतर
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16:32, 1 अप्रैल 2015 के समय का अवतरण
बुन्देली लोकगीत ♦ रचनाकार: ईसुरी
सुन्दर सेत सरद को चन्दा।
रास रचौ गोविन्दा।
सेत उठाई सेत बिछाई।
सेत चाँदनी बन्दा।
सेतइ कली टिकुली सी दमकैं,
अली करै आनन्दा।
जेवर सेत-सेत पोसाखैं।
सेत सुमन को कन्दा।
ईसुर सेत सुपेती को सुख,
किसन चन्द मकरन्दा।