भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"अयि! भुवन मन मोहनी / रवीन्द्रनाथ ठाकुर" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रवीन्द्रनाथ ठाकुर |अनुवादक= |संग्...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
 
पंक्ति 10: पंक्ति 10:
 
अयि! भुवन मन मोहनी
 
अयि! भुवन मन मोहनी
 
निर्मल सूर्य करोज्ज्वल धरणी
 
निर्मल सूर्य करोज्ज्वल धरणी
जनक-जननी-जननी।। अयि ....
+
जनक-जननी-जननी।। अयि...
  
 
अयि! नली सिंधु जल धौत चरण तल
 
अयि! नली सिंधु जल धौत चरण तल
 
अनिल विकंपित श्यामल अंचल
 
अनिल विकंपित श्यामल अंचल
 
अंबर चुंबित भाल हिमाचल
 
अंबर चुंबित भाल हिमाचल
अयि! शुभ्र तुषार किरीटिनी।। अयि ....
+
अयि! शुभ्र तुषार किरीटिनी।। अयि...
  
 
प्रथम प्रभात उदय तव गगने
 
प्रथम प्रभात उदय तव गगने
 
प्रथम साम रव तव तपोवने
 
प्रथम साम रव तव तपोवने
 
प्रथम प्रचारित तव नव भुवने
 
प्रथम प्रचारित तव नव भुवने
कत वेद काव्य काहिनी।। अयि ....
+
कत वेद काव्य काहिनी।। अयि...
 
चिर कल्याणमयी तुमि मां धन्य
 
चिर कल्याणमयी तुमि मां धन्य
 
देश-विदेश वितरिछ अन्न
 
देश-विदेश वितरिछ अन्न
 
जाह्नवी, यमुना विगलित करुणा
 
जाह्नवी, यमुना विगलित करुणा
पुन्य पीयूष स्तन्य पायिनी।। अयि ....
+
पुन्य पीयूष स्तन्य पायिनी।। अयि...
  
 
अयि! भुवन मन मोहिनी।
 
अयि! भुवन मन मोहिनी।
 +
 +
रचनाकाल: सन 1930
 
</poem>
 
</poem>

14:05, 2 मई 2015 के समय का अवतरण

अयि! भुवन मन मोहनी
निर्मल सूर्य करोज्ज्वल धरणी
जनक-जननी-जननी।। अयि...

अयि! नली सिंधु जल धौत चरण तल
अनिल विकंपित श्यामल अंचल
अंबर चुंबित भाल हिमाचल
अयि! शुभ्र तुषार किरीटिनी।। अयि...

प्रथम प्रभात उदय तव गगने
प्रथम साम रव तव तपोवने
प्रथम प्रचारित तव नव भुवने
कत वेद काव्य काहिनी।। अयि...
चिर कल्याणमयी तुमि मां धन्य
देश-विदेश वितरिछ अन्न
जाह्नवी, यमुना विगलित करुणा
पुन्य पीयूष स्तन्य पायिनी।। अयि...

अयि! भुवन मन मोहिनी।

रचनाकाल: सन 1930