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"शहीद / मेरा रंग दे बसंती चोला" के अवतरणों में अंतर
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आज उसी को पहन के निकला हम मस्तों का टोला | आज उसी को पहन के निकला हम मस्तों का टोला | ||
मेरा रंग दे बसंती चोला ... | मेरा रंग दे बसंती चोला ... | ||
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10:22, 10 मई 2015 के समय का अवतरण
रचनाकार: प्रेम धवन |
मेरा रंग दे बसंती चोला, माए रंग दे
मेरा रंग दे बसंती चोला
दम निकले इस देश की खातिर बस इतना अरमान है
एक बार इस राह में मरना सौ जन्मों के समान है
देख के वीरों की क़ुरबानी अपना दिल भी बोला
मेरा रंग दे बसंती चोला ...
जिस चोले को पहन शिवाजी खेले अपनी जान पे
जिसे पहन झाँसी की रानी मिट गई अपनी आन पे
आज उसी को पहन के निकला हम मस्तों का टोला
मेरा रंग दे बसंती चोला ...