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"नदी के उस पार तुम / ठाकुरप्रसाद सिंह" के अवतरणों में अंतर

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नदी के उस पार तुम, इस पार हम
 
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छोड़ो, विदा दो
 
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नहीं सम्भव है कि हम-तुम एक तट
 
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पर हों, विदा दो
 
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तनिक आँचल खोलकर स्मृति का
 
तनिक आँचल खोलकर स्मृति का
 
 
करो स्वीकार माला, मुद्रिका या
 
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याद इससे ही करोगी आज की सरि
 
याद इससे ही करोगी आज की सरि
 
 
चन्द्रिका या
 
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चांदनी का तीर मावस का हृदय
 
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जैसे भिदा हो
 
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विदा दो
 
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वही मान्दोली<ref>गले का आभूषण</ref> मुझे दो
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मैं अवश हूँ धड़कनों से
 
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यह बनेगी प्यार की थपकी
 
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मुझे पागल क्षणों में
 
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स्वप्न-सा जीवन मिला दु:स्वप्न-सा
 
स्वप्न-सा जीवन मिला दु:स्वप्न-सा
 
 
उसको बिता दो
 
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मान्दोली=गले का आभूषण
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13:08, 1 जून 2015 का अवतरण

नदी के उस पार तुम, इस पार हम
छोड़ो, विदा दो
नहीं सम्भव है कि हम-तुम एक तट
पर हों, विदा दो

तनिक आँचल खोलकर स्मृति का
करो स्वीकार माला, मुद्रिका या
याद इससे ही करोगी आज की सरि
चन्द्रिका या
चांदनी का तीर मावस का हृदय
जैसे भिदा हो
विदा दो

वही मान्दोली<ref>गले का आभूषण</ref> मुझे दो
मैं अवश हूँ धड़कनों से
यह बनेगी प्यार की थपकी
मुझे पागल क्षणों में
स्वप्न-सा जीवन मिला दु:स्वप्न-सा
उसको बिता दो