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"देखें सोचें / पृथ्वी पाल रैणा" के अवतरणों में अंतर
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देखें तो हमें लगता है
हम आकाश से ऊँचे हैं
और अगर सोचें तो हमें
जर्ऱा भी
पर्वत नजऱ आता है ।