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"फूल बनकर मुस्कराना चाहिए / रोहिताश्व अस्थाना" के अवतरणों में अंतर

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22:36, 5 अक्टूबर 2015 के समय का अवतरण

जिंदगी हँसकर बिताना चाहिए,
चुटकुले सुनना, सुनाना चाहिए।

रात-दिन आँसू बहाने से भला,
फूल बनकर मुस्कराना चाहिए।

चाट का ठेला खड़ा है सामने,
आज कुछ खाना, खिलाना चाहिए।

आ गया इतवार पापा जी हमें-
आज तो सरकस घुमाना चाहिए।

मास्टर जी हम पढ़ेंगे शौक से-
पर खिलौने कुछ दिलाना चाहिए।

देश को खुशहाल रखना है अगर-
हमको संसद में बिठाना चाहिए।