भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"झूम-झूम झूला / केदारनाथ कोमल" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=केदारनाथ कोमल |अनुवादक= |संग्रह= }} {...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

01:59, 7 अक्टूबर 2015 के समय का अवतरण

झूम-झूम झूला
झूमता है झूला!
घूम-घूम घूमता
घूमता है झूला!

घोड़ो, चीता, शेर
लगा रहे हैं टेर,
आओ, जल्दी आओ
बड़ी हो गई देर!
पप्पू का मुँह फूला!

घेरे में घूमते
मस्ती में झूमते,
लहरा के हाथ को
ओठों से चूमते!
आलस आग-बबूला!

कैसा रंग जमाता
भालू नाच दिखाता,
जरा नहीं शरमाता
बंदर बैंड बजाता!
गप्पू सब कुछ भूला!