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"तुम भजन संभरि के गाना / ब्रजभाषा" के अवतरणों में अंतर
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03:20, 27 नवम्बर 2015 के समय का अवतरण
♦ रचनाकार: अज्ञात
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गाना हो तुम भजन संभरि के गाना - २
बावन अक्षर हैं ओलम के
इनके पास मतीं जाना
तीन लोक औ चौदह भुवन हैं
तिनके पार चले जाना
इनके भीतर जो तुम आये
पकरें दोऊ काना हो
तुम भजन संभरि के गाना...