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"सब कुछ, कुछ-कुछ / राग तेलंग" के अवतरणों में अंतर

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18:51, 19 दिसम्बर 2015 के समय का अवतरण

कुछ को जानता नहीं था
तब तक कुछ नहीं था

कुछ को जब जाना
पता चला
सब कुछ के होने का

सब कुछ भी
सब नहीं
यह समझा
कुछ नहीं से शुरूकर

अब नहीं कहता
जानता कुछ नहीं
न ही
जानता सब कुछ

बस
समझता हूं
कुछ-कुछ ।