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"लोग भी ना ! / राग तेलंग" के अवतरणों में अंतर
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एक सेठ था
लूट-खसोट उसका धर्म-कर्म था
लोग उसके नाम पर कुढ़ते थे
एक दिन उसने
एक फिल्मी हीरोइन के साथ
जोड़ी बना ली
लोगों का कुढ़ना
अपने-आप बंद हो गया
लोग जोड़ी को चाहने लगे.