भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"कौन कहता है तुम सत्यवादी हो / अवतार एनगिल" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अवतार एनगिल |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem>हे...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

11:40, 27 दिसम्बर 2015 के समय का अवतरण

हे दर्पण !
सभी कहते हैं
तुम झूठ नहीं बोलते !

फिर भला
दायें को बायां
बाएं को दायाँ
क्यों बताते हो