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"उपजेगी द्विजाति में रावण से / वचनेश" के अवतरणों में अंतर

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(New page: लेखक: वचनेश Category:कविताएँ Category:छन्द Category:वचनेश ~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~ उपजे...)
 
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14:45, 17 फ़रवरी 2008 का अवतरण

लेखक: वचनेश

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उपजेगी द्विजाति में रावण से मदनान्ध अघी नर-नारि-रखा।

रिपु होंगे सभी निज भाइयों के धन धान्यहिं छीने के आप-चखा।

यदि पास तलाक हुई तो सुनो हमने 'वचनेश` भविष्य लखा।

फिर होंगी नहीं यहाँ सीता सती मड़रायेंगी देश में सूपनखा।।

-(परिहास, पृ०-२८)वचनेश