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"अड़ अर बगत सूं लड़ / मनोज पुरोहित ‘अनंत’" के अवतरणों में अंतर

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बगत साथै नीं
बगत सूं आगै बध
बगत रै पगां मत पड़
बगत सूं लड़।
 
ठाह है
तेज है बगत री रफ्तार
थूं ई उठा पग खाथा-खाथा
लांबा-लांबा भर डग
समझ बगत री रग
ताकतवर है बगत
कमजोर थूं ई कोनी
अड़ अर बगत सूं
साम्हीं छाती लड़ ।