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"मंगलाचरण - 1 / प्रेमघन" के अवतरणों में अंतर
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लसत सुरँग सारी हिये हीरक हार अमन्द। | लसत सुरँग सारी हिये हीरक हार अमन्द। |
12:42, 2 फ़रवरी 2016 के समय का अवतरण
लसत सुरँग सारी हिये हीरक हार अमन्द।
जय जय रानी राधिका सह माधव बृजचन्द॥
नवल भामिनी दामिनी सहित सदा घनस्याम।
बरसि प्रेम पानीय हिय हरित करो अभिराम॥
यह पियूष वर्षा सरस लहि सुभ कृपा तदीय।
साँचहुँ सन्तोषैं रसिक चातक कुल कमनीय॥