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"मंगलाचरण - 4 / प्रेमघन" के अवतरणों में अंतर
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हेरत दोउन को दोऊ औचकहीं मिले आनि कै कुंज मझारी। | हेरत दोउन को दोऊ औचकहीं मिले आनि कै कुंज मझारी। |
12:43, 2 फ़रवरी 2016 के समय का अवतरण
हेरत दोउन को दोऊ औचकहीं मिले आनि कै कुंज मझारी।
हेरतहीं हरिगे हरि राधिका के हिय दोउन ओर निहारी॥
दौरि मिले हिय मेलि दोऊ मुख चूमत ह्वै घनप्रेम सुखारी।
पूरन दोउन की अभिलाख भई पुरबैं अभिलाख हमारी॥