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"इत सोहत मोरन की कँलगी / प्रेमघन" के अवतरणों में अंतर
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इत सोहत मोरन की कँलगी कटि के तट पीत पटा फहरैं। | इत सोहत मोरन की कँलगी कटि के तट पीत पटा फहरैं। |
12:47, 2 फ़रवरी 2016 के समय का अवतरण
इत सोहत मोरन की कँलगी कटि के तट पीत पटा फहरैं।
उत ओढ़नी बैजनी है सिर पै मुख पै नथ के मुक्ता थहरैं॥
बनकुंज मैं बद्रीनरायन जू कर मेलि दोऊ करतैं टहरैं।
निति ऐसे सनेह सों राधिका श्याम हमारे हिये मैं सदा बिहरैं॥