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"पावस - 5 / प्रेमघन" के अवतरणों में अंतर

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12:51, 3 फ़रवरी 2016 के समय का अवतरण

कूकैं कोकिलान हिय हूकैं देत आन,
विरहीन अबलान सोर सुनि मुरवान की।
दादुर दलन की रटान चातकन की,
चिलात छन छन चमकान चपलान की॥
पैठी मान तान भौन भौंहन कमान,
भूलि प्रेमघन बान बीर पीतम सुजान की।
कैसे कै बचैहै प्रान बीर बरखान लखि,
घुमड़ि घमड़ि घन घेरन घटान की॥