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"बदलें मौसम, बदलें हम / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'" के अवतरणों में अंतर

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बदलें मौसम, बदलें हम  
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बदले मौसम, बदलें हम  
सुख-दुख यकसा करलें हम
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सुख- दुःख यकसाँ, करलें हम
  
दुनिया भर के ग़म सारे
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फ़ुरसत हो तो आ जाओ
हँसते-हँसते सहलें हम  
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कुछ सुनलें कुछ, कहलें हम  
  
रोये हैं तन्हाई में
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इक दूजे की आँखों से
क़ुर्बत में तो हंसलें हम  
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दिल में क्या है, पढ़लें हम  
  
छोटी-छोटी चीज़ों से
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रोएंगे तन्हाई में
बच्चों जैसे बहलें हम
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क़ुर्बत में तो, हंसलें हम  
  
फ़ुरसत हो तो आ जाओ
+
दुनिया भर के ग़म सारे
कुछ सुनलें कुछ कहलें हम  
+
हँसते-हँसते, सहलें हम  
  
इक दूजे की आँखों से  
+
छोटी-छोटी चीज़ों से  
दिल में क्या है पढ़लें हम
+
बच्चों जैसे, बहलें हम
 
+
आज दुआओं से अपनी
+
खाली झोली भरलें हम  
+
  
काम 'रक़ीब' अधूरे थे 
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आओ 'रक़ीब' दुआओं से 
आ मिलकर अब करलें हम  
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खाली झोली, भरलें हम बदलें
 
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21:38, 24 मई 2016 का अवतरण

बदले मौसम, बदलें हम
सुख- दुःख यकसाँ, करलें हम

फ़ुरसत हो तो आ जाओ
कुछ सुनलें कुछ, कहलें हम

इक दूजे की आँखों से
दिल में क्या है, पढ़लें हम

रोएंगे तन्हाई में
क़ुर्बत में तो, हंसलें हम

दुनिया भर के ग़म सारे
हँसते-हँसते, सहलें हम

छोटी-छोटी चीज़ों से
बच्चों जैसे, बहलें हम

आओ 'रक़ीब' दुआओं से
खाली झोली, भरलें हम बदलें