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अंगिका भाषा के विकास में रुचि रखने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं से अनुरोध है कि अंगिका कविता कोश के विकास में हमारी सहायता करें
- अनिरुद्ध प्रसाद विमल
- अनिल शंकर झा
- अमरेन्द्र
- आभा पूर्वे
- कणहपा
- कनक लाल चौधरी 'कणीक'
- कस्तूरी झा 'कोकिल'
- कुंदन अमिताभ
- कैलाश झा 'किंकर'
- चन्द्रप्रकाश जगप्रिय
- परमानंद 'प्रेमी'
- धनन्जय मिश्र
- धरमपा (छत्तीसवें सिद्ध)
- नन्दलाल यादव 'सारस्वत'
- मृदुला शुक्ला
- रामदेव भावुक
- रामनन्दन 'विकल'
- राहुल शिवाय
- विजेता मुद्गलपुरी
- शवरपा (पाँचवे सिद्ध)
- सरहपा (अंगिका के आदि कवि)
- सियाराम प्रहरी
- सुमन सूरो
- सुरेन्द्र 'परिमल'
- श्रीकान्त व्यास
- श्रीस्नेही
- दिनेश बाबा
- दर्शन दुबे
अंगिका भाषा
- नाम: अंगिका को पहले छेकी-छिकी, आंगी, छाई-छोऊ, अंगिकार, छेकरी और ठेठी नामों से भी जाना जाता था।
- क्षेत्र: अंगिका मुख्य-रूप से बिहार (जिला अररिया, कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज, मधेपुरा, सहरसा, भागलपुर, सुपौल, बाँका, जमुई, मुंगेर, लखीसराय, बेगूसराय, शेख़पुरा व खगड़िया), झारखंड (जिला साहेबगंज, गोड्डा, देवघर, पाकुर, दुमका, गिरिडीह व जामतारा) और पश्चिम बंगाल (जिला मालदा, उत्तरी दिनाजपुर) में बोली जाती है।