भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"नाना रोॅ घोॅर / अमरेन्द्र" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Rahul Shivay (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अमरेन्द्र |अनुवादक= |संग्रह=ढोल ब...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
22:42, 10 जून 2016 के समय का अवतरण
दै नै कभी लेमनचूस छै
मौसी बड़ी ही कंजूस छै
मौसा गप्पे हाँकै छै
दू सेर चूड़ा फाँकै छै
मामो रहै छै हरदम नील
मामी केरोॅ अंटी ढील
पैलेॅ सो ठो रुप्पा छै
फुप्फा फुली केॅ कुप्पा छै
केकरौ नै केकरौ संे मेल
नाना रोॅ घर लागै जेल