भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"सुन कोयल / श्रीउमेश" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Rahul Shivay (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=श्रीउमेश |अनुवादक= }} {{KKCatAngikaRachna}} <poem> को...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
Rahul Shivay (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 6: | पंक्ति 6: | ||
{{KKCatAngikaRachna}} | {{KKCatAngikaRachna}} | ||
<poem> | <poem> | ||
− | + | सुन कोयल तों मत बोल कुछु | |
− | + | बरसात झमाझम छौ लखनी । | |
− | + | घनघोर कठोर निनाद करै | |
− | + | स्वर दादुर झिंगुर के झखनी ।। | |
− | + | चुपचाप रहें तरु खोढ़र में | |
− | + | बनि केॅ चिपकें-चिपकें एखनी । | |
− | + | करिहें मृदु गायन पंचम में, | |
− | + | रितु कन्त वसन्त जगौ जखनी ।। | |
</poem> | </poem> |
21:29, 22 जून 2016 के समय का अवतरण
सुन कोयल तों मत बोल कुछु
बरसात झमाझम छौ लखनी ।
घनघोर कठोर निनाद करै
स्वर दादुर झिंगुर के झखनी ।।
चुपचाप रहें तरु खोढ़र में
बनि केॅ चिपकें-चिपकें एखनी ।
करिहें मृदु गायन पंचम में,
रितु कन्त वसन्त जगौ जखनी ।।