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"लोग मिलते गये काफ़िला बढ़ता गया / जयप्रकाश मानस" के अवतरणों में अंतर
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21:46, 2 मार्च 2008 के समय का अवतरण
अनदेखे ठिकाने के लिए
डेरा उसालकर जाने से पहले
समेटना है कुछ गुनगुनाते झूमते गाते
आदिवासी पेड़
पेड़ की समुद्री छाँव
छाँव में सुस्ताते
कुछ अपने जैसे ही लोग
लोगों की उजली आँखें
आँखों में गाढ़ी नींद
नींद में मीठे सपने
सपनों में, सफ़र में
जुड़ते हुए कुछ रोचक लोग