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"बाबा और तानपूरा / विवेक निराला" के अवतरणों में अंतर

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खड़ा रहता था
 
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बाबा का तानपूरा
 
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एक कोने में
 
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बाबा पड़े रहते थे
 
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तानपूरा जैसे बाबा
 
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बाबा पूरे तानपूरा
 
बाबा पूरे तानपूरा
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बुढ़ाते गए बाबा
 
बुढ़ाते गए बाबा
 
बूढ़ा होता गया तानपूरा
 
बूढ़ा होता गया तानपूरा
झूलती गयी बाबा की खाल
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झूलती गई बाबा की खाल
ढीले पड़ते गये
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ढीले पड़ते गए
 
तानपूरे के तार
 
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तानपूरे वाले बाबा
 
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बाबा वाला तानपूरा
 
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असहाय नहीं है
 
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इनमें से कोई भी
 
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बल्कि हमारी पीढ़ी में ही
 
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कोई साधक नहीं हुआ
 
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10:05, 1 जुलाई 2016 के समय का अवतरण

निराला जी के पुत्र रामकृष्ण त्रिपाठी के लिए

घर के एक कोने में
खड़ा रहता था
बाबा का तानपूरा
एक कोने में

बाबा पड़े रहते थे
तानपूरा जैसे बाबा
बाबा पूरे तानपूरा

बुढ़ाते गए बाबा
बूढ़ा होता गया तानपूरा
झूलती गई बाबा की खाल
ढीले पड़ते गए
तानपूरे के तार

तानपूरे वाले बाबा
बाबा वाला तानपूरा
असहाय नहीं है
इनमें से कोई भी

बल्कि हमारी पीढ़ी में ही
कोई साधक नहीं हुआ