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"सितारे / शरद कोकास" के अवतरणों में अंतर

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आलोकित होने का दम्भ लिए
 
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उनकी मुठ्ठी में बन्द
 
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सूरज की उपस्थिति से बेख़बर है ।
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सूरज की उपस्थिति से बेख़बर है।
 
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20:37, 1 जुलाई 2016 के समय का अवतरण

 
अंधेरी रातों में
दिशा ज्ञान के लिए
सितारों का मोहताज़ होना
अब ज़रूरी नहीं

चमकते सितारे
रोशनी का भ्रम लिए
सत्ता के आलोक में टिमटिमाते
एक दूसरे का सहारा लेकर
अपने-अपने स्थान पर
संतुलन बनाने के फेर में हैं

हर सितारा
अपने ही प्रकाश से
आलोकित होने का दम्भ लिए
उनकी मुठ्ठी में बन्द
सूरज की उपस्थिति से बेख़बर है।