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"झलकै अति सुन्दर आनन गौर / घनानंद" के अवतरणों में अंतर
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06:35, 23 जुलाई 2016 के समय का अवतरण
झलकै अति सुन्दर आनन गौर, छके दृग राजत काननि छ्वै।
हँसि बोलनि मैं छबि फूलन की बरषा, उर ऊपर जाति है ह्वै।
लट लोल कपोल कलोल करैं, कल कंठ बनी जलजावलि द्वै।
अंग अंग तरंग उठै दुति की, परिहे मनौ रूप अबै धर च्वै।।4।।