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"बदलें मौसम, बदलें हम / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'" के अवतरणों में अंतर
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21:22, 3 अगस्त 2016 का अवतरण
बदले मौसम, बदलें हम
सुख- दुःख यकसाँ, करलें हम
फ़ुरसत हो तो आ जाओ
कुछ सुनलें कुछ, कहलें हम
इक दूजे की आँखों से
दिल में क्या है, पढ़लें हम
रोएंगे तन्हाई में
क़ुर्बत में तो, हंसलें हम
दुनिया भर के ग़म सारे
हँसते-हँसते, सहलें हम
छोटी-छोटी चीज़ों से
बच्चों जैसे, बहलें हम
आओ 'रक़ीब' दुआओं से
खाली झोली, भरलें हम