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"अस्वीकार / मुकेश प्रत्‍यूष" के अवतरणों में अंतर

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22:18, 25 अगस्त 2016 के समय का अवतरण

लगता होगा अच्छा किसी को
ढोना कंधे पर सलीब
ठुकवा लेना लम्बी-लम्बी कीलें
सर से पांव तक
और टंग जाना एक तस्वीर की तरह

कहे कोई कुछ भी
नहीं है तो नहीं है
स्वीकार मुझे