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"मैं तुमको न मिटने दूँगा ! / विजयदान देथा 'बिज्‍जी'" के अवतरणों में अंतर

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22:23, 1 सितम्बर 2016 के समय का अवतरण

ऊषे!
मैं तुमको न मिटने दूँगा

मेरे अन्तर से निकाला प्रेम-श्वास
बनकर वाष्प
बादल का धर अमिट रूप
कामी दिनकर को छा लेगा!

तुम्हारी लाली को
आरक्त बना रखने
दे अपने शोणित का प्रत्येक बिन्दु
कर विलीन समस्त जीवन अपना
तुम्हारी यौवन को
चिर आक्षय रखने
अपने यौवन का क्षय कर दूँगा!

ऊषे!
मैं तुमको न मिटने दूँगा!

मेरे अन्तर से निकला प्रेम-श्वास
बनकर वाष्प
बादल का धर अमिट रूप
कामी दिनकर को छा लेगा!