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हिंदु कहें सो हम बडे, मुसलमान कहें हम्म। | हिंदु कहें सो हम बडे, मुसलमान कहें हम्म। | ||
एक मूंग दो फाडा हैं, कुण ज्यादा कुण कम्म॥ | एक मूंग दो फाडा हैं, कुण ज्यादा कुण कम्म॥ | ||
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कुण ज्यादा कुण कम्म, कभी करना नहिं कजिया। | कुण ज्यादा कुण कम्म, कभी करना नहिं कजिया। | ||
एक भगत हो राम, दुजा रहिमान सो रजिया॥ | एक भगत हो राम, दुजा रहिमान सो रजिया॥ | ||
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कहै 'दीन दरवेश, दोय सरिता मिलि सिंधू। | कहै 'दीन दरवेश, दोय सरिता मिलि सिंधू। | ||
सबका साहब एक, एक मुसलिम एक हिंदू॥ | सबका साहब एक, एक मुसलिम एक हिंदू॥ | ||
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23:49, 16 सितम्बर 2016 के समय का अवतरण
हिंदु कहें सो हम बडे, मुसलमान कहें हम्म।
एक मूंग दो फाडा हैं, कुण ज्यादा कुण कम्म॥
कुण ज्यादा कुण कम्म, कभी करना नहिं कजिया।
एक भगत हो राम, दुजा रहिमान सो रजिया॥
कहै 'दीन दरवेश, दोय सरिता मिलि सिंधू।
सबका साहब एक, एक मुसलिम एक हिंदू॥