भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"ज़िन्दगी / मोहन कल्पना" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मोहन कल्पना |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCat...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

03:01, 27 सितम्बर 2016 के समय का अवतरण

ऐं पुछियो नारदमुनीअ हिकिड़ो
सुवाल:
ज़िंदगीअ जो रूपु छाहे?
खिन पलक जी माठि बाद
भॻवान उत्तर ही ॾिनो:
ज़िन्दगी आ हिकु उहो वणु अफ्रीकी
जेको प्राणीअ खे ॾिसी
शाख़ुनि खे ॿांहुनि जियां वधाए
ऐं निपूड़े साहु थो हुन जो कढे...