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"माधव कौशिक" के अवतरणों में अंतर
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|कृतियाँ=ग़ज़ल संग्रह : आईनों के शहर में, किरण की सुबह, सपने खुली निगाहों के, हाथ सलामत रहने दो, आसमान सपनों का, नई सदी का सन्नाटा, सबसे मुश्किल मोड़, सूरज के उगने तक, अंगारों पर नंगे पाँव | खण्ड काव्य : सुनो राधिका (पुरस्कृत), लौट आओ पार्थ (पुरस्कृत), नव गीत : मौसम खुले विकल्पों का, शिखर संभावना | कहानी संग्रह : ठीक उसी वक्त(पुरस्कृत) | बाल साहित्य : खिलौने माटी के, आओ अम्बर छू ले | संपादन : हरियाणा की प्रतिनिधि कविता | अनुवाद : क्षितिज के उस पार (जस्टिस सुरिन्द्र सिंह की पुस्तक(Ropose &Repture),आवाज़ का आकार (रमेश कुमार के पंजाब काव्य संग्रह का अनुवाद) |आलोचना : नवगीत की विकास यात्रा | | |कृतियाँ=ग़ज़ल संग्रह : आईनों के शहर में, किरण की सुबह, सपने खुली निगाहों के, हाथ सलामत रहने दो, आसमान सपनों का, नई सदी का सन्नाटा, सबसे मुश्किल मोड़, सूरज के उगने तक, अंगारों पर नंगे पाँव | खण्ड काव्य : सुनो राधिका (पुरस्कृत), लौट आओ पार्थ (पुरस्कृत), नव गीत : मौसम खुले विकल्पों का, शिखर संभावना | कहानी संग्रह : ठीक उसी वक्त(पुरस्कृत) | बाल साहित्य : खिलौने माटी के, आओ अम्बर छू ले | संपादन : हरियाणा की प्रतिनिधि कविता | अनुवाद : क्षितिज के उस पार (जस्टिस सुरिन्द्र सिंह की पुस्तक(Ropose &Repture),आवाज़ का आकार (रमेश कुमार के पंजाब काव्य संग्रह का अनुवाद) |आलोचना : नवगीत की विकास यात्रा | | ||
− | + | |विविध=हिमाचल प्रदेश,मदुरै,तथा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में अनेक संग्रहों पर शोध कार्य। चंडीग़ढ़,साहित्य अकादमी के सचिव और राष्ट्रीय साहित्य अकादमी नई दिल्ली के सदस्य। "हरी भरे हरियाली धरती” टेली फिल्म का गीत एवम पटकथा लेखन। | |
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04:04, 1 अक्टूबर 2016 के समय का अवतरण
माधव कौशिक
जन्म | 01 नवम्बर 1954 |
---|---|
जन्म स्थान | भिवानी, हरियाणा। |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
ग़ज़ल संग्रह : आईनों के शहर में, किरण की सुबह, सपने खुली निगाहों के, हाथ सलामत रहने दो, आसमान सपनों का, नई सदी का सन्नाटा, सबसे मुश्किल मोड़, सूरज के उगने तक, अंगारों पर नंगे पाँव | |
विविध | |
हिमाचल प्रदेश,मदुरै,तथा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में अनेक संग्रहों पर शोध कार्य। चंडीग़ढ़,साहित्य अकादमी के सचिव और राष्ट्रीय साहित्य अकादमी नई दिल्ली के सदस्य। "हरी भरे हरियाली धरती” टेली फिल्म का गीत एवम पटकथा लेखन।
हरियाणा विश्वविद्यालय के स्नातक तथा स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में कुछ रचनाएँ सम्मिलित। | |
जीवन परिचय | |
माधव कौशिक / परिचय |
ग़ज़ल संग्रह
- आईनों के शहर में / माधव कौशिक
- किरण सुबह की / माधव कौशिक
- सपने खुली निगाहों के / माधव कौशिक
- हाथ सलामत रहने दो / माधव कौशिक
- आसमान सपनों का / माधव कौशिक
- नई सदी का सन्नाटा / माधव कौशिक
- सबसे मुश्किल मोड़ / माधव कौशिक
- सूरज के उगने तक / माधव कौशिक
- अंगारों पर नंगे पाँव / माधव कौशिक
ग़ज़लें
- हड्डियों में आग के / माधव कौशिक
- भरोसा क्या करे कोई / माधव कौशिक
- दुनिया वालो तुम क्या जानो / माधव कौशिक
- नज़र अब आदमीयत के / माधव कौशिक
- हड्डियों में आग के / माधव कौशिक
- आंखों से बरसे अंगारे / माधव कौशिक
- नये लुभावने मंज़र / माधव कौशिक
- जिस दिन सूरज बदला लेगा / माधव कौशिक
- ख़ुश्बू के आस-पास / माधव कौशिक
- किसी साज़िश की साज़िश / माधव कौशिक