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22:25, 1 अक्टूबर 2016 के समय का अवतरण
मूं वटि
अजु बि,
ऐतिरो कुझु कोन्हे
जो ॿिए कंंिहं सां
विरहाए सघां
कंहिं सां कुझु
वंडे विहां।
इएं बि नाहे
त मां ग़रीबु आहियां
पर,
मुंहिंजे इर्द गिर्द
दीवारूं आहिनि
कुझु वरसे में मिलियल
कुझु पंहिंजियूं घड़ियल
हठ जे सिरुनि सां
ठहियल ही दीवारूं,
सभ्यता जे सीमेन्ट सां
ॿधल ही दीवारूं,
हिक क़बर जे चादर अन्दर
मूं खे ॿियनि खां पासीरो करे
लिकाए,
सुखियो सताबों आसूदो करे
आहिस्ते आहिस्ते
मारे छॾिनि थियूं।